
आज का समाज एवं नारी
हमारा देश अनेक प्रकार की संस्कॄति एवं परमराओं से भरा हुआ है. जहाँ एक तरफ़ यहाँ अनेक प्रकार की भेष-भूषा के लोग है वहीं दूसरी तरफ़ यहाँ अनेक र्धम के लोग निवास करते है. पर ऐसे लगते है एक डाल के अनेक फ़ूल..! यही विशेषता है हमारे देश की अनेकता में एकता, इसी लिये मेरा भारत महान है!
हमारे देश में नारियों का सम्मान किया जाता है , पर आज की स्थिति को देख कर डर लगता है. कुछ असामाजिक तत्वों एवं समाज के ठेकेदारों के कारण नारी जाती का आज समाज में जीना मुशकिल हो गया है. जहाँ एक तरफ़ एक नारी माँ का रूप हो्ती है वहीं दूसरी तरफ़ किसी कि बेटी, किसी की बहन, और कहीं माँ दुर्गे की पूजा की जाती है, इतिहास गवाह है कि हमारे देश के लिये नरी शक्ति ने बहुत कुछ किया है, रानी लक्ष्मी भाई, मदर टेरेसा, इन्दरा गाँधी, सरोजनी नायडू आदि अनेक महिलाओं ने हमारे देश के योगदान मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दुनिया बदल गयी है पर अफसोस की बात तो यह है कि आज भी ऐसे लोग है जिनके मन मे लड़कियों के प्रति कुण्ठित विचार है कई लोग लड़कियों को बोझ समझते है उस नन्हीं जान को धरती पर आने से पहले मार दिया जाता गर्भपात कर दिया जाता है, स्कूल नहीं भेजते है ये समझते है कि लड़कियां तो पराया धन होती है और उसका काम घर सम्भालना होता है. अगर उनको स्कूल नहीं भेजेंगे तो वो आगे कैसे बढेंगे? आखिर क्यों होता है सब?? सोचा है? हर कहीं महिलाओं के साथ अन्याय होता है, कभी किसी को जिन्दा जलाया जाता है कभी किसी को नाबालिक उम्र में विवाह कर दिया जाता है जिसे बाल विवाह कहा जाता है, कहीं दहेज के चक्कर मे अत्याचार होता आ रहा है, कहीं बलात्कार कहीं किसी महिला के भारी चौराहे पर सभी के सामने कपड़े फाड़े जाते है. आज एक महिला कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. इन्सान इन्सानियत भूल गया है, कहीं भी जाओ कही भी सुरक्षा महसूस नहीं होती, किसी ओफिस मे काम करती है तो वहाँ के लोग यहाँ तक कि खुद मालिक भी फ़ायदा उठाना चाहता है, कई बार ऐसे सुनने को मिला है, बाहर अकेली लड़की नहीं जा सकती है अगर कोइ अकेली लड़की कहीं जाते हुये किसी ने देख लिया तो उसको छेड़ना सुरु कर देगें या गन्दी गन्दी बातें सुनायेगे, यही नहीं बल्कि कई जगहों पर तो लोग अकेलेपन क फायदा भी उठाते है।
आज के जमाने मै अगर कोई लड़की कुछ करना भी चाहे तो उसके बारे में हमारे समाज के कुछ ठेकेदार कुछ न कुछ गन्दी बातें बोलेगें जिससे कि वो लड़की आगे ना बढ़ पाये. उसका आत्मविश्वाश टूट जाये। क्यों हमारा समाज एक तरफ़ तो नरी शक्ति की पूजा करता है और दूसरी तरफ़ उनको आगे बढ़ने से रोकता है क्यों? कब तक ये चलता रहेगा? कब बदलेगी हमारी सोच?? लोग ये सोचते क्यों नहीं? क्यों भारत जैसे देश मे जिसे नारी प्रधान देश कहा जाता है उसी देश मे नारी के साथ ये सब हो रहा है उनकी इज्जत नहीं की जाती है ये कितनी शर्म की बात है हमारे लिये, ये सोचने वाली बात है सोचिये..!! अपनी सोच बदलो लड़का लड़की मे कोइ फ़र्क नहीं है दोनो एक समान है बल्कि आज के जमाने मे लड़की कई जगहों पर लड़को को मात दे रही है हमेम चाहिये कि हम उनको प्रोत्साहन दें और उनका साथ दें सबको समान दॄष्टि से देखें तभी वो आगे बढे़गी और एक दिन ऐस आयेगा कि सारे जहाँ मे नारी को एक इज्जत के साथ पुकार जयेगा उनका भी अपना एक अस्तित्व और लोगों को अपने बहु, बेटियों पर गर्भ होगा.!!!
कब बदलेगी हमारी सोच?? कब बनेंगे हम इन्सानं? अब वक्त आ गया है कि होसला रखो हिम्मत दिखाओ और दुनिया बदलो!!
!!!*धन्यवाद*!!!
****~!~* देव *~!~****
!!!!जय हिन्द!!!!
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© Dev Negi (देव नेगी)
5 comments:
बहुत सुन्दर आलेख.बधाई. मेरे ब्लौग पर आने के लिये धन्यवाद भी. शब्द-पुष्टिकरण हटा लें तो सुविधा होगी.
शब्द-पुष्टिकरण हटा लें तो सुविधा होगी.
ji mai iska matlab nahi samjha kirpya samjhaiye
सुन्दर आलेख
मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ पर आप सभी मेरे ब्लोग पर पधार कर मुझे आशीश देकर प्रोत्साहित करें ।
” मेरी कलाकृतियों को आपका विश्वास मिला
बीत गया साल आप लोगों का इतना प्यार मिला”
सार्थक आलेख , सच में
हमारे देश में नारियों का सम्मान किया जाता है , पर आज की स्थिति को देख कर डर लगता है.
धन्यवाद
मयूर
अपनी अपनी डगर
bahut bahut dhnyawad aapka..
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