****अनमोल वचन और सूक्तियां****~!~*जीवन के लिये कुछ मह्त्वपूर्ण बातें*~!~
बेवकूफों और अन्धों के लिये शास्त्र और दर्पण क्या कर सकते हैं
यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करांति किंलोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पण: किं करिष्यितिजिस मनुष्य में स्वयं का विवेक, चेतना एवं बोध नहीं है, उसके लिये शास्त्र क्या कर सकता है । ऑंखों से हीन अर्थात अन्धे मनुष्य के लिये दर्पण क्या कर सकता है ।
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मूरख को उपदेश देने से क्या लाभ
उपदेशो हि मूर्खाणां प्रकोपाय न शान्तये ।पय: पानं भुजंगांनां केवलं विष वर्धनम् ।।मूर्ख को उपदेश करने का कोई लाभ नहीं है, इससे उसका क्रोध शान्त होने के बजाय और उल्टे बढ़ता ही है । जिस प्रकार सॉंप को दूध पिलाने से उसका जहर घटता नहीं बल्िक उल्टे बढ़ता ही है
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!~!! ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है। !~! !
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किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ; जब तक ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम अपनी अन्तिम साँस भी ले रहे हो तो भी न डरना। सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता के साथ काम करते रहो।!
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वीरता से आगे बढो। एक दिन या एक साल में सिध्दि की आशा न रखो। उच्चतम आदर्श पर दृढ रहो। स्थिर रहो। स्वार्थपरता और ईर्ष्या से बचो। आज्ञा-पालन करो। सत्य, मनुष्य -- जाति और अपने देश के पक्ष पर सदा के लिए अटल रहो, और तुम संसार को हिला दोगे। याद रखो -- व्यक्ति और उसका जीवन ही शक्ति का स्रोत है, इसके सिवाय अन्य कुछ भी नहीं।
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जब तक जीना, तब तक सीखना' -- अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक !!
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भाग्य बहादुर और कर्मठ व्यक्ति का ही साथ देता है। पीछे मुडकर मत देखो आगे, अपार शक्ति, अपरिमित उत्साह, अमित साहस और निस्सीम धैर्य की आवश्यकता है- और तभी महत कार्य निष्पन्न किये जा सकते हैं। हमें पूरे विश्व को उद्दीप्त करना है।!
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अकेले रहो, अकेले रहो। जो अकेला रहता है, उसका किसीसे विरोध नहीं होता, वह किसीकी शान्ति भंग नहीं करता, न दूसरा कोई उसकी शान्ति भंग करता है।
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मेरी दृढ धारणा है कि तुममें अन्धविश्वास नहीं है। तुममें वह शक्ति विद्यमान है, जो संसार को हिला सकती है, धीरे - धीरे और भी अन्य लोग आयेंगे। 'साहसी' शब्द और उससे अधिक 'साहसी' कर्मों की हमें आवश्यकता है। उठो! उठो! संसार दुःख से जल रहा है। क्या तुम सो सकते हो? हम बार - बार पुकारें, जब तक सोते हुए देवता न जाग उठें, जब तक अन्तर्यामी देव उस पुकार का उत्तर न दें। जीवन में और क्या है? इससे महान कर्म क्या है ?
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हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।
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" हिंदी मेरे अपनों की भाषा है, मेरे सपनों की भाषा है. यह वह भाषा है जिसमें मैं सोचता हूँ, सपने देखता हूं।"
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जन्म - मरण का सांसारिक चक्र तभी ख़त्म होता है जब व्यक्ति को मोक्ष मिलता है । उसके बाद आत्मा अपने वास्तविक सत्-चित्-आनन्द स्वभाव को सदा के लिये पा लेती है । *****************************************************************
बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा जिंदगी के उतार-चढ़ाव की देन है लेकिन पचास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है।
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दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिये। ( शठे शाठ्यम समाचरेत्)
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ऐसा न कमाओ कि पाप हो जाये। ऐसे कार्यों में न उलझो कि चिंता से जिया जाऍ। ऐसा न खर्च करना कि कर्जा हो जाऍ। ऐसा न खाओ कि मर्ज़ हो जाऍ। ऐसा न बोलो कि क्लेश हो जाऍ। ऐसा न चलो कि देर हो जाऍ।
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समय का सदुपयोग :-जो समय को नष्ट करता है, समय भी उसे नष्ट कर देता है, समय का हनन करने वाले व्यक्ति का चित्त सदा उद्विग्न रहता है, और वह असहाय तथा भ्रमित होकर यूं ही भटकता रहता है, प्रति पल का उपयोग करने वाले कभी भी पराजित नहीं हो सकते, समय का हर क्षण का उपयोग मनुष्य को विलक्षण और अदभुत बना देता है’’
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प्रारब्ध और भाग्य :-मनुष्य के पूर्व कर्मों से प्रारब्ध का निर्माण होता है और प्रारब्ध से भाग्य बनता है, मनुष्य के वर्तमान कर्म उसके भविष्य का निर्धारण करते हैं । अत: प्राप्ति जितनी सहज हो उसे सहेजना उससे कई गुना दुष्कर होता है।
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"आलस्यो हि मनुष्यांणां महारिपु: ! आलस्य ही मनुष्य का महाशत्रु है"
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तुलसी मीठे वचन सों, सुख उपजत चहुँ ओर ।वशीकरन एक मंत्र है तजि दे वचन कठोर ।।तुलसीदास जी कहते हैं, कि मधुर वाणी से चारों ओर सुख बढ़ता है और लोकप्रियता बढ़ती है । कठोर वाणी का त्याग करना ही सबसे बड़ा वशीकरण मंत्र है।
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विद्धा वह अच्छी, जिसके पढ़ने से बैर द्वेष भूल जाएँ। जो विद्वान बैर द्वेष रखता है, यह जैसा पढ़ा, वैसा न पढ़ा !!!! जो व्यक्ति शत्रु से मित्र होकर मिलता है, व धूल से धन बना सकता है !!!! कुसंगी है कोयलों की तरह, यदि गर्म होंगे तो जलाएँगे और ठंडे होंगे तो हाथ और वस्त्र काले करेंगे !!!! राजा यदि लोभी है तो दरिद्र से दरिद्र है और दरिद्र यदि दिल का उदार है तो राजा से भी सुखी है !!!! लोभ आपदा की खाई है संतोष आनन्द का कोष !
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जो मनुष्य यह चाहता है कि प्रभु सदा मेरे साथ रहे, उसे सत्य का ही सेवन करना चाहिए। भगवान कहते हैं कि मैं केवल सत्यप्रिय लोगों के ही साथ रहता हूँ
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सदा सच बोलना चाहिए। कलियुग में सत्य का आश्रय लेने के बाद और किसी साधन भजन की आवश्यकता नहीं। सत्य ही कलियुग की तपस्या है
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सार्थक और प्रभावी उपदेश वह है जो वाणी से नहीं, अपने आचरण से किया जाता है
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अपने अज्ञान को दूर करके मन-मन्दिर में ज्ञान का दीपक जलाना भगवान् की सच्ची पूजा है
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देवता आशीर्वाद देने मै तब गूँगे रहते है, जब हमारा ह्र्दय उनकी वाणी सुनने मै बहरा रहता है !
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असफ़लता केवल यह सिद्ध करती है कि सफ़लता का प्रयत्त्न पूरे मन से नहीं हुआ
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अपना मूल्य समझो और विश्वास करो कि तुम संसार के सबसे मह्त्वपूर्ण व्यक्ति हो
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विपरीत परिस्थितियों में भी जो ईमान साहस और धैर्य को कायम रख सके, वस्तुत: वही सच्चा शूरवीर है.
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दूसरों के साथ वो व्यवहार न करें, जो तुम्हें अपने लिये पसन्द न हो .!
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आलस्य से बड्कर कोई घातक एवं समीपवर्ती शत्रु दूसर कोइ नहीं
****************************************************************मनुष्य परिस्थितियों क दास नहीं बल्कि उनका निर्माता, नियंत्रणकर्ता और स्वामी है
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सबसे बडा़ दीन दुर्बल वह है जिसका अपने ऊपर नियंत्रण नहीं
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पाप अपने साथ रोग दोष, शोक, संकट और पतन भी ले कर आता है.
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परमेश्वर का प्यार केवल सदाचारी एवं कर्तव्य परायणों के लिये सुरक्षित है
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दूसरों के साथ वैसे ही उदारता बरतो जैसी ईश्वर ने तुम्हारे साथ बरती है
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गॄहस्थ एक तपोवन है, जिसमें संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़्ती है
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सभ्यता एक स्वरूप है-साधगी, अपने लिये कठोरता और दूसरो के लिये उदारता
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!!!*धन्यावाद*!!!
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****~!~*देव*~!~****
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2 comments:
प्रिय भाई,
आपका ब्लॉग देखा। बहुत अच्छा लगा। देखकर मन प्रसन्न हो गया। प्रारम्भ बहुत ही सुन्दर है। बस आपके लिए मेरे मन में यही दुआ है।
युग परिवर्तन की यह बेला आपको सपरिवार मंगलमय हो। शिव की शक्ति, मीरा की भक्ति, गणेश की सिद्धि, चाणक्य की बुद्धि, शारदा का ज्ञान, कर्ण का दान, राम की मर्यादा, भीष्म का वादा, हरिशचन्द्र की सत्यता, लक्ष्मी की अनुकम्पा, कुबेर की सम्पन्नता प्राप्त हो ।
मेरे ब्लॉग http://yugnirman.blogspot.com/ पर आये। यहॉं आपको आपकी मनपसन्द सामग्री मिलेगी। मेरे ब्लॉग की सामग्री को आप कहीं भी प्रयोग करना चाहे तो मुझे खुशी होगी।
कृपया एक बार अवलोकन अवश्य करे। पुन: आपको हादिZक शुभकामनाए।
good effort
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