Friday, November 4, 2011

"आज का भारत"


हमारा देश !.भारत.! जिसे कभी सोने कि चिढिंया भी कहा करते थे.! क्योकि यहाँ हर चीज सोने के समान थी यह देश एक पारम्परिक एवं सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण है. यह एक महान देश है.. यहाँ के अलग अलग राज्यों मे अलग अलग भेष भूषा के लोग निवास करते है,, सबका अपना अलग अलग धर्म है.. यहाँ अनेक धर्म के लोग रहते है. और अनेकों रगं बिखेरते नजर आते है। अनेको त्यौहार मनाये जाते है हर्षोउल्लास के साथ सब मिलकर जुल कर खुशी की साथ. यहाँ के अनेक रंग एक रंगोली के रूप मे सामने आती है...! यह देश एक महान देश है.. !!
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पर अब इस महान देश को ऐसा लगता है कि किसी की नजर जैसे लग गयी है.. अब इस देश की हालत को देख कर दख: और गुस्सा दोनो सामने आते है.. हम कहाँ से कहाँ आ चुके है. आज हमारे देश की दयनीय स्थिति हो गयी है. कोई भी अपने मात्रि भूमि के साथ माँ जैसा ब्यवहार नहीं करता. सबकी नियत बिगड़ चुकी है इसका मतलब यह हुआ कि हम अपने माँ के साथ धोखा कर रहे है. माँ सबसे बढी़ होती है माँ को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है. और अगर हम अपने भगवान के साथ ही बुरा बर्ताव करें तो जीने का मकसद ही खतम हो जाता है, पर फिर भी हम जी रहे हैं क्यो..??? ऐसे ही कितने क्यों का जवाब हमको खुद ही नहीं पता.!

आज हमारे देश की हालत ऐसी हो गयी है.. इसके जिम्मेदार् कौन? कई हद तक इसके जिम्मेदार खुद हम है. हम खुद ऐसे लोगो को चुन कर भेजते है जो उपर जा कर देश को इस रूप मे लाने का भरपूर प्रयास करते है. सब के सब चोर बन जाते है. क्योकि ये हमारी कमजोरी है जिसका ये लोग भरपूर फायदा उठाते आये है. फिर भी हमको कोई फ़र्क पड़ता.. क्योकि अब हमको इसकी आदत हो गयी है.. हम अपने निजि जीवन के उथल पुथल से बाहर ही नहीं निकल पाते है. तो देश की कैसे सोच सकते है.?? हम सबको अपनी अलग अलग परेशानियां है..और उसी मे उलज कर रह जाते है, वही हमारी जीवन जीने की शैली बन जाती है. पर ऐस क्यो? कोई नहीं सोचता क्योकिं ये सोचने के लिये किसी के पास वक़्त ही नहीं है. क्योकि हम सिर्फ अपने बारे मे सोचते है देश के बारे मे कौन सोचे.? लोग सोचते है पहले मेरा भला हो जाये बाद मे देश का भला हो जायेगा..परन्तु ये गलत है क्योकिं जब तक देश क भला नही होगा तब तक देशवासियों का भला नहीं हो सकता इस बात को हमें ध्यान में रखना होगा. अन्ना के द्वारा चलाये गये आन्दोलन 'जनलोकपात'एक बडीं क्रान्ति के रूप मे सामने आयी लोगो को भी जग्रित किया.. फिर भी वो अभी तक पारित नहीं हो पाया क्यों..? क्योकि उससे आम जनता का भला हो सकता है..? और भ्रष्टाचार कम हो सकता पर वो भी नहीं होना देना चाहती है ये सरकार...!
अब बात करते है पहले हमारी सरकारों एवं नेताओ की..! इन नेतओ ने देश को लूट लिया है..और वे ही आज देश के शीर्षासन पर पदसीन है वो हमारे द्वारा ही बिठाये गये है. कभी कभी वो ये भूल जाते हैं हमको चाहिये कि उनको ये याद दिलाते रहना..कि वो जनता के नौकर है मालिक नहीं. और जो नौकर होता है उसको मालिक की हर बात माननी पड़ती है.. पर दु:ख की बात यह है कि नौकर ही मालिक बन चुका है. ऐसे में हमें चाहिये कि अपनी जगह हासिल करें. इसी प्रयास मे दो महानायक खडे़ हुये ( बाबा राम देव एवं अन्ना और अण्णा) इन्होने देश के लिये कुछ करने की सोची है. इस लिये देश के लिये अपने को समर्पण कर दिया है. और देश मे हो रहे भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाप मुहिम छेडी़ है.. पर भ्रष्टाचारियों की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है इनको कुचलने एवं दबाने की ताकि इनकी पोल न खुले. हर बार नया बहाना आरोप एवं शक्ति का प्रयोग करके इस आन्दोलन को खतम करने की नाकाम कोशिस की जा रही है. इस आन्दोलन से कुछ तो लोगो मे जगरूगता लोगो मे आयी यह बहुत बडी बात है. आज देश की सबसे बडीं समस्या भ्रष्टाचार और् विदेशो मे छुपा हुआ काला धन है. अगर इन दो समस्याओ से मुक्ति मिल जाये तो और समस्याओ की तरफ भी ध्यान जा सकता है ऐसे तो बहुत सारी समस्याये है हमारे देश मे पर ये दो समस्या सबसे बडीं है. इन दो सम्स्याओं का करण हैं ये भ्रष्ट नेता और उनके जैसे कई लोग. पकडे़ जाने के बाद भी उन पर कोई कारवाई नहीं होती क्यो..? उनकी जमानत हो जाती है और ओपरेशन के लिये विदेश जाने की इजाजत मिल जाती है.. सवाल यह है कि इन लोगो का इलाज हिन्दुस्तान मे क्यो नहीं हो सकता? क्या हमारे देश में इतने अच्छे अस्पताल और डोक्टर् नही है जो इनका इलाज कर सके भरत देश एक लोकतान्त्रिक देश है तो ये भेदभाव क्यो? दूसरी बात इनकी पास इतना रुपया कहाँ से आता है..? इसका हिसाब क्यों नही होता ? जनता के पैसो का क्यों इस तरह दुर्पयोग किया जा रहा है? इससे क्या माना जाये? कि हमारी कानून ब्यवस्था चरमरा गयी है ? और बैशखी पर आ गयी है जो इन लोगो पर कडी़ कारवाई नहीं होती..? क्यो ? क्योकि सब इनके अनुसार चल रहा है? जो ये चाये वो कर ले क्योंकि इनको रोकने वाला कोइ नहीं है.. पर क्यो..? ये सोचना जरुरी है...! ये दशा हो गयी है हमारे देश की ऐसे कुछ बेईमानो के कारण हमारे देश की हालत बिगड़ गयी है. हमे जरुरत है कि ऐसे लोगो को नाकाम कर के सबके सामने फांसीं से भी बडी़ सजा दी जाये ताकि ये एक सबक बन जाये. !
अब बात है देश के सुरक्षा की भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर हर साल आतंकवादी हमले होते हैं. आतंक वादी आते है और आसानी से अपना काम कर के चले जाते है और हम देखते रहते है. और इन हमलों मे सिर्फ आम बेकसूर जनता ही मारी जाती है जिनका कोई कसूर नहीं होता और जिनका कसूर होता है वो आरम से अपने महलो मे बैठ कर देखते रहते है.
26/11 मुम्बई के हमले का दोषी कसाब पकडे जाने के बाद हिन्दुस्तान के कारागार (जेल) मे आराम से बिरयानी खा रहा है. क्यो? उसको अभी तक फांसी नही हुई? और जो देश के लिये जो कुछ करना चाहते है (अन्ना और बाबा राम देव) उनको कुचलने की कोशिस की जा रही है क्यो..? काश कोई इन 'क्यों' का जबाब दे दें..!! क्या इसी "भारत" का सपना देखा था हमारे महापुरुषों ने? ये है आज का भारत.. !!
,,,,,,,,,,,,,,,,सवाल,,,,,,,,,,

जनता के साथ ये बारूद बम भी पक्षपात करता है !

धमाकों में किसी मंत्री का बेटा क्यों नहीं मरता है !!?!

हर बार यह बे-गुनाह जनता ही चीखती है रोती है !

...हादसे में मंत्री की पत्नी विधवा क्यो नहीं होती है !!

बस्ती के झोपड़ों मे आग का लावा निकलता है !

उसमें किसी मंत्री का बंगला क्यों नहीं जलता है !!

जब सड़कों पर दंगों का तांडव खुलेआम होता है !

फ़िर क्यों न किसी मंत्री का काम- तमाम होता है !!

सिर्फ़ आम बेवश लाचार अबला ही यहां घुटती है !

किसी मंत्री की बेटी की इज्जत क्यों नहीं लुटती है !
काश,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

ये घटनायें विपरीत दिशा मे घटनें लग जायें

तो यकीनन देश के दलाल सिमटने लग जायेंगे
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"देव्" 'नई सोच '


सोचिये..!!

!!!*धन्यवाद*!!!

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©  देव नेगी