Saturday, April 25, 2009

" ~मैं~ "

" ~मैं~ "
"मै" क्या आपने कभी सोचा है?? एक शब्द मैं सिर्फ़ एक शब्द? बोलने मे आसान होता है पर इसका अर्थ क्या होता है? लोग समझ नही पाते है. अगर आप सोच कर देखें तो इसका बहुत बडा अर्थ निकलता है। मैं का अर्थ वैसे तो लोग अपने लिए इस्तेमाल करते हैं, परन्तु अगर गौर से सोचा जाये तो इसके अनेक अर्थ निकलते है. अर्थात जब भी कोइ मनुष्य किसी कार्य को करता है तो बॊलता है मैं इस काम को कर सकता हूँ। इसका मतलब वो उस कार्य को कर सकता है, यहाँ पर मैं का परयोग कार्य करने के लिये हुआ है.पर अगर कोई ब्यक्ति ये कह्ता है कि मै बहुत बढा आदमी हूँ और मेरे से बढ कर कोइ नहीं है. यहाँ पर मैं का प्रयोग अपने को बडा दिखाने को किया है। जब कभी हम देखते है सामन्यतः जब दो ब्यक्ति आपस में लडा़ई करते है आम तौर से मैं शब्द का प्रयोग ज्यादा होता है कि मै कौन हूं जनता नही, मै ये हूं, मै वो हूं, मै ये कर दूंगा, मै वो कर दूंगा जैसे शब्दो का प्रयोग होता है. जरा सोचिये अगर यहाँ पर मैं नही होता तो?? इन्सान मै के कारण अपना अस्तित्व भूल जाता है।

 C@Dev Negi (देव नेगी)

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