Friday, December 28, 2012

जिम्मेदार कौन..??


पीडि़त लड़की अब नहीं रही इस हादसे ने उसे जिन्दगी से अलग कर दिया..!
अभी हमारे देश के प्रधान मंत्री ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कडे कदम उठाये जाएंगे..
सवाल यह उठता है कि ये कदम हादसा होने से पहले क्यों नहीं उठाए गये..?? हर बार यही क्यों होता है कि हादसे के बाद ही कार्यवाही होती है? इनकी नींद हमेशा कुछ हो जाने के बाद ही क्यों खुलती है? जितना ध्यान देश को लूटने एवं भ्रष्टाचार करने में लगाते हैं. उससे अच्छा होता कि ये ध्यान देश के विकाश में लगाते, देश की सुरक्षा मे लगाते, महिलाओ की सुरक्षा मे लगाया होता, तो देश की यह स्थिति नहीं होती, सोचने वाली बात यह है कि इसका जिम्मेदार कौन है? कहीं हम खुद तो नहीं..?
हर एक सिक्के के दोपहलू होते है, एक पहलू हमारा समाज है और दूसरा पहलू हमारे राजनीति, महत्वपूर्ण सोचने वाली बात यह है कि हमारे समाज के लोग यानि कि हम अपने बोटों के माध्यम से अपना प्रतिनिधि चुनते है, जो राजनेता कहलाता है और फिर वह अपनी राजनीती प्रारम्भ करता है, कहने का मतबल है कि कहीं न कही हम ही इस प्रक्रिया के जिम्मेदार है, क्योंकि हम एक अच्छा प्रतिनिधि चुनने में असफल हो जाते है, जिस कारण अंत मे जाकर उस गलती की सजा खुद किसी न किसी रूप मे मिल जाती है, जैसे आज पूरे देश की हालत बनी हुई है यह इसी यह गलती का परिणाम है, हम दूसरों पर अक्सर उंगलियां उठाते है परन्तु हमे ध्यान रखना चाहिए कि दूररों को कोसने से पहले अपने को देख लिया जाय.. कहीं हम खुद ठीक नही हैं तो हमारे पास कोई अधिकार नहीं होता है दूसरों को गलत साबित करने का, सुरुवात खुद से करनी होगी, तब जा कर कहीं बदलाव की किरण नजर आयेगी, पर दु:ख इस बात है कि कोई बदलाव करना नहीं चाहता, घटना के दिनों के हो-हल्ला, रैली, जुलूस सब निकालते है पर समय निकलते ही सब भूल जाते हैं. क्योकि अपनी निजी जिन्दगी जके भार से दबे दूसरे भार को उठाने मे असमर्थ हो जाते है, और समय के साथ समझौता कर लेते हैं, हालात से लडने के बजाय हालात के साथ चलने मे समझदारी समझते हैं..! जबकि ये बिल्कुल गलत है, और इसका फायदा कोई और उठा कर चला जाता है, अपने द्वारा चयनित प्रतिनिधि ही खुद अपने अस्तित्व मे नहीं होता है, एक समय में एक पद पर पहुँचने के बाद वो देश, समाज एवं अपनी जिम्मेदारियां भूलते जाते है और भ्रष्ट हो जाता है, जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ता है, अगर बदलना है तो पहले खुद को बदलना पडे़गा फिर समाज एवं देश बदलेगा !
ऎसे कई पहलू हैं जिन पर चर्चा करना जरूरी है परन्तु आज का विषय यही है कि जो इस देश मे एक छात्रा के साथ हुआ उसका जिम्मेदार कौन है? क्या आगे भी हमारे समाज मे हो रहे महिलाओं के साथ अत्याचार दुर्व्यवहार होता रहेगा?? क्या देश यों ही इन राज नेताओं की क्रिया-प्रतिक्रिया एवं बडे़ बडे़ झूठे आस्वासनों से चलेगा..?
सोचिए ..:)



!!!*धन्यवाद*!!!

****~!~* देव *~!~****


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